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Five Best Varieties Of Aloe Vera, गुणों से भरपूर एलोवेरा की पांच सबसे अच्छी वेरायटी और उसके फायदे।

    
    Five best varieties of aloe vera 

आप सब तो जानते ही है कि एलोवेरा के कितने फायदे है आज में आपको एलोवेरा से जुड़ी कुछ बाते ओर उसके फ़ायदे के बारे में बताउगा। तो चलये सुरु करते है।


Paragraph ; सब पढ़ें Five best varieties of aloe vera
आजकल सौंन्दर्य निखार के लिए हर्बल कॉस्मेटिक प्रॉडक्ट के रूप में बाजार में एलोवेरा जेल, बॉडी लोशन, हेयर जेल, स्किन जेल , शेम्पू, साबुन , फेसियल फोम , ओर बयूटी क्रीम में हेयर स्पा में बयूटी पार्लरो में ऐलोवेरा धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है
भारत मे एलोवेरा को कई नामो से जाना जाता है जैसे ग्वार पाठा या घृतकुमारी। यह एक कांटेदार पत्तियों वाला पौधा है और यह भारत ही नही बल्कि पूरी दुनिया मे पाया जाता है एलोवेरा में ओषधीय गुण कूट कूट कर भरे हुए है आयुर्वेद में एलोवेरा को घृतकुमारी की उपाधि मिली हुई है तथा महाराज का स्थान दिया गया है ओषधि की दुनिया मे इसे संजीवनी भी कहा गया है।


एलोवेरा के ओषधीय गुण -:
अगर हम एलोवेरा के ओषधीय गुण की बात करे तो इसमें एंटीसेप्टिक, एंटी बैक्टीरियल, एंटी इंफ्लेमेंट्री ओर ऐसे हो कई गुण पाए जाते है। इसके साथ ही इसमें विटामिन्स और फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते है यह एक हेल्थ टॉनिक की तरह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है यह एकमात्र पौधा पाचन किर्या में सुधार से लेकर, रोग पतिरोध क्षमता को बूस्ट करता है।

एलोवेरा के प्रकार -: Five best varieties of aloe vera
 एलोवेरा के प्रकार की बात करे तो इसकी लगभग 200 से ज्यादा प्रजाति पाई जाती है जिसमे से पहली पांच ओषधीय गुणो से भरपूर है। और कुछ प्रजाति जहरीली होती है और कुछ का मानव शरीर के लिए ना तो नुकसान होता है और ना ही फायदा होता है तो अब हम उन पांच सबसे गुणकारी प्रजाति के बारे में जानेंगे।
1. एलो बार्बाडेन्सीस मिल्लर -: इसकी जो सबसे गुणकारी प्रजाति है वो एलो बारबा डेंसीस मिल्लर है। और इसकी एक सबसे अच्छी पहचान यह है कि इसके  ऊपर जो फूल खिलते है उनका रंग पीला होता है और जो पौधा अच्छी तरह से पका होगा उसमे लाभकारी गुण उतने ज्यादा होते है इसमे 18 धातु 15 एमिनो एसिड ओर 12 विटामिन मौजूद होते है।

2. टाइगर एलो -: यह एलोवेरा की सबसे सबसे खूबसूरत प्रजातियों में से एक है जिसे एक गमले या छोटे से कंटेनर में भी लगाया जा सकता है इसमें तलवार के आकार की पत्तियां होती है जिसपर चितकबरे धब्बे होते है।
3. क्लाइम्बिंग एलो -: यह एलोवेरा की दुर्लभ प्रजाति में से एक है इसकी पत्तियां आस-पास के पेड़ पौधों में फैल सकती है।
4. एलो डेसकिंगसी  -: यह एलोवेरा की सबसे छोटी प्रजाति है  यह केवल दो से तीन इंच तक बढ़ती है। इसमे गहरे हरे रंग की पत्तियों पर सफेद धब्बे होते हैं। वसंत से गर्मियों के दौरान इस पर नारंगी और पीले रंग के फूल खिलते है।


5. रेड एलो -: एलोवेरा की यह प्रजाति बहोत धीमी गति से बढ़ती है तथा इसे पानी की बहुत कम जरूरत होती है। इस पर सूरज की किरणें पड़ते ही यह खूबसूरत लाल तांबे के रंग जैसा दिखता है यह एलोवेरा की सबसे आकर्षक प्रजातियों में से एक है।

एलोवेरा के फायदे -:
* इसकी कांटेदार पत्तियों को छीलकर ओर काटकर इसका रस निकाला जाता है इस रस की 3-4 चम्मच सुबह खाली पेट लेने से दिन भर शरीर मे शक्ति और स्फूर्ति बनी रहती है।
* जलने पर या अंग कही से कटने पर अंदरूनी चोटो पर एलोवेरा एंटी बैक्टीरियल ओर एंटी फंगल गुणों के कारण घाव को जल्दी भर देता है।
* यह रक्त में शर्करा के स्तर को बनाये रखता है
* यह मच्छरो से भी त्वचा की सुरक्षा करता है

झुर्रियों के लिए एलोवेरा जेल के फायदे -:
झुर्रियों के लिए लोग तरह-तरह के कॉस्मेटिक और ट्रीटमेंट का सहारा लेते हैं। ये कुछ वक्त तो असर दिखाते हैं, लेकिन आगे चलकर इनकी वजह से त्वचा पर बुरा प्रभाव भी हो सकता है। ऐसे में झुर्रियों के लिए एलोवेरा जेल एक अच्छा प्राकृतिक उपचार हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, एलोवेरा के सेवन से सूरज की हानिकारक किरणों के कारण होने वाली झुर्रियों में सुधार देखा गया। यह कोलेजन ( त्वचा में पाया जाने वाला प्रोटीन) उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ त्वचा की इलास्टिसिटी में भी सुधार करने में मदद कर सकता है। जिससे झुर्रियों के कम होने की संभावना हो सकती है।

मुंहासों के लिए एलोवेरा जेल -:
मुंहासों के होने का कोई वक्त नहीं होता है। हालांकि, ये ठीक तो हो जाते हैं, लेकिन कई बार अपने दाग छोड़ जाते हैं। मुंहासों के लिए लोग कई तरह के क्रीम का उपयोग करते हैं, पर कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। ऐसे में एलोवेरा के जेल का उपयोग लाभकारी हो सकता है, इसमें एंटी-एक्ने गुण होता है, जो मुंहासों को ठीक करने में सहायक हो सकता है। हालांकि, इस बारे में अभी और सटीक वैज्ञानिक प्रमाण की आवश्यकता है।

बालों के लिए एलोवेरा जेल :-
बालों को स्वस्थ रखने के लिए भी एलोवेरा लाभकारी हो सकता है। दरअसल, बालों को स्वस्थ रखने और झड़ने से रोकने के लिए एलोवेरा को हर्बल औषधि की तरह उपयोग किया जाता रहा है। हालांकि, इस बारे में कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है कि यह पूरी तरह से बालों के झड़ने को रोक सकता है या नहीं। यह लोगों के अनुभवों के आधार पर कहा जा सकता है। अगर किसी को बाल झड़ने या बालों से संबंधित कोई गंभीर समस्या है, तो बेहतर है कि विशेषज्ञों की राय लें और उसके बाद ही एलोवेरा जेल का उपयोग करें।

वजन कम करने के लिए एलोवेरा :-
बाहर का खाना और सही ढंग से शारीरिक क्रिया न करने से वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है। ऐसे में अगर एलोवेरा जूस का सेवन किया जाए, तो कुछ हद तक इस परेशानी से छुटकारा मिल सकता है। दरअसल, एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों पर किए एक शोध के अनुसार, एलोवेरा में मौजूद एंटी-ओबेसिटी गुण की वजह से डाइट के कारण होने वाली मोटापे की समस्या कुछ हद तक कम हो सकती है। इसके अलावा, यह ऊर्जा खपत को बढ़ाता है और शरीर में फैट को कुछ हद तक कम कर सकता है। इसके अलावा, मोटापे और डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों से पीड़ित मरीजों में भी एलोवेरा जेल से वजन कम होने की संभावना हो सकती है। हालांकि, वजन कम करने के लिए सिर्फ एलोवेरा जेल ही नहीं बल्कि इसके साथ संतुलित आहार और व्यायाम भी जरूरी है।

कब्ज के लिए एलोवेरा -:
कई लोग कब्ज के लिए तरह-तरह की दवाइयां लेते हैं, जिसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं। ऐसे में अगर प्राकृतिक चीजों का सेवन किया जाए, तो कब्ज की परेशानी से राहत मिल सकती है। यहां हम कब्ज में एलोवेरा खाने से क्या होता है, यह जानकारी दे रहे हैं। कब्ज की स्थिति में एलोवेरा का रस फायदेमंद हो सकता है। एलोवेरा में लैक्सेटिव गुण (पेट साफ करने का गुण) मौजूद होता है कई बार विशेषज्ञ कब्ज के दौरान लैक्सेटिव खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है। यह मल को मुलायम कर पेट साफ करने में मदद कर सकता है। हालांकि, लैक्सेटिव गुण के कारण एलोवेरा का सेवन पूरी तरह सुरक्षित है या नहीं, इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है। 
मधुमेह के लिए एलोवेरा के फायदे -:
एलोवेरा के लाभ की अगर बात करें तो यह डायबिटीज के लिए भी गुणकारी हो सकता है। एलोवेरा का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त मरीज का ब्लड शुगर लेवल कुछ हद तक संतुलित हो सकता है। दरअसल, एलोवेरा का एंटी-डायबिटिक गुण मधुमेह में प्रभावकारी हो सकता है। इसके अलावा, डायबिटिक चूहों पर किए गए शोध में पाया गया कि एलोवेरा की पत्तियां भी मधुमेह में असरदार साबित हो सकती हैं। हालांकि, यह शोध जानवरों पर है, ऐसे में मधुमेह की समस्या के लिए रोगी इसके सेवन से पहले एक बार डॉक्टरी परामर्श भी ले सकते हैं।

पाचन क्रिया के लिए एलोवेरा -:
एलोवेरा के लाभ की बात करें तो यह पेट और पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। पाचन संबंधी समस्याओं के लिए एलोवेरा जूस का सेवन किया जा सकता है। एक अन्य भारतीय अध्ययन के अनुसार, एलोवेरा का उपयोग पेप्टिक अल्सर के इलाज में उपयोग किया जा सकता है। यह एच. पाइलोरी (जो गैस्ट्रिक संक्रमण का कारण बनता है) के खिलाफ एंटी-बैक्टीरियल का काम कर सकता है, इसके साथ ही इसमें एंटी-अल्सर गुण भी मौजूद होते हैं। इसके अलावा, एलोवेरा आईबीएस (पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या) से ग्रस्त मरीजों में पेट दर्द व गैस की समस्या को कम कर सकता है  अगर किसी को पाचन संबंधी समस्या अधिक हो तो वो डॉक्टरी परामर्श को पहली प्राथमिकता दें

कोलेस्ट्रॉल के लिए एलोवेरा के गुण -:
एलोवेरा का सेवन कोलेस्ट्रॉल के लिए भी लाभकारी हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, एलोवेरा के सेवन से न सिर्फ ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम हो सकता है, बल्कि लिवर कोलेस्ट्रॉल भी कम हो सकता है। इसके अलावा, एलोवेरा में मौजूद हाइपोकोलेस्ट्रोमिक प्रभाव ( कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाला गुण) कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक हो सकता है  फिलहाल, इस बारे में अभी और वैज्ञानिक अध्ययन की आवश्यकता है।

गठिया के लिए ऐलोवेरा के औषधीय गुण -:
अधिक वजन, संक्रमण, बढ़ती उम्र या अन्य कई कारणों से गठिया की बीमारी हो सकती है। ऐसे में समय रहते इस पर ध्यान देकर इसका उपचार करना जरूरी है। गठिया के उपाय की बात की जाए तो एलोवेरा लाभकारी हो सकता है। एक अध्ययन के मुताबिक, यह ऑस्टियोअर्थराइटिस (गठिया का प्रकार) के इलाज में लाभकारी हो सकता है। इसके अलावा, एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होने के कारण इसका उपयोग जोड़ों के दर्द के लिए फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, अगर किसी को गठिया की समस्या अधिक है तो वो एलोवेरा के साथ-साथ डॉक्टरी चिकित्सा को भी प्राथमिकता दें।

मुंह के स्वास्थ्य के लिए एलोवेरा -:
एलोवेरा जूस बेनिफिट्स की बात करें तो यह मुंह के लिए भी लाभकारी हो सकता है। मुंह में बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए एलोवेरा का उपयोग किया जा सकता है। एक भारतीय अध्ययन में कहा गया है कि दंत चिकित्सा के क्षेत्र में एलोवेरा बेहद उपयोगी हो सकता है। दरअसल, इसका एंटीमाइक्रोबायल गुण इसे मुंह के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी बना सकता है। एलोवेरा का उपयोग माउथ वॉश के तौर पर भी किया जा सकता है। हालांकि, अगर किसी को एलर्जी की समस्या है तो वो एक बार डॉक्टरी परामर्श जरूर लें। इसके अलावा, एलोवेरा या एलोवेरा युक्त टूथपेस्ट मसूड़ों की बीमारी में भी लाभकारी हो सकता है।
घाव भरने के लिए एलोवेरा -:
घाव भरने का इलाज, एलोवेरा के सबसे बड़े लाभों में से एक हो सकता है। यह फाइब्रोब्लास्ट्स (कोशिकाएं जो कोलेजन का उत्पादन करती हैं) के प्रसार में सुधार कर घाव भरने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है। इसके अलावा, चूहों पर किए गए अध्ययनों में भी एलोवेरा का उपयोग घावों में सुधार करता हुआ पाया गया है । हालांकि, हमारी राय यही है कि अगर घाव पुराना, बहुत गहरा है और ठीक नहीं हो रहा है तो डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।

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Five Best Varieties Of Aloe Vera, गुणों से भरपूर एलोवेरा की पांच सबसे अच्छी वेरायटी और उसके फायदे।    Five Best Varieties Of Aloe Vera, गुणों से भरपूर एलोवेरा की पांच सबसे अच्छी वेरायटी और उसके फायदे। Reviewed by Health and Fitness on April 30, 2023 Rating: 5

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